शिकायते तो बहुत है उस तक़दीर से
सामने अगर मिली तो किस किस का जवाब देगी.....
शौक मेरे सिमट कर रह गए पढ़ाई के साए में,
में जो था वो बन न पाया, कुछ और अगर बना तो मैं मैं नहीं रहूंगा, एक लिबाज डाले शख्स रहेगा।
कुछ एक अरसे से कलम को घीस रहा हूं पर वो रंगीन दवात जाने कहां खो गई मेरी जिम्मेदारियों के साए में।
मैं कलम से दुनिया गढ़ दूं, अगर मेरी कहानी में मैं, मैं हूं।