जब कोई ख़्वाब तुम्हारा टूटेगा
जब तुम्हारा मन तुम्ही से रूठेगा
जब तुम खुद के बैरी बन
अथाह दुःख के समंदर में गोते लगाओगे
तब तुम बस आंखे बंद कर लेना साथी
मुझको अपने पास पाओगे
बिखरे ख्वाबों को समेट पुनः
अरमानों की जोत जला
तुम मंजिल पाने बढ़ जाना
हर तूफान से तुम लड़ जाना
ये दिक्कत ये परेशानी
बस दो पल का खेला है
जो झेल लिए तुम इन सब को
तो आगे खुशियों का मेला है
जब तुम चलते चलते थक जाओगे
आंधी तुफानों से घबराओगे
तब मन में साहस का दीप जलाए
मुझको तुम अपने पास पाओगे
Abhijeet Yadav