सेठ कभी भी अपने कारीगर की खुशी में सामिल नहीं होते हैं

क्योंकि वो अपने कारीगर ने ली हुई छूट्टी से

मेरा काफ़ी रुपए का नूकसान हुआं है उनके बारे में सोचते हैं ।।

नरेन्द्र परमार ✍️

Hindi Thought by Narendra Parmar : 111943403
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