'' मां ,,
जब प्रेम को लिखना था
तो मां लिखा
जब त्याग को लिखना था
तो मां लिखा
जब शक्ति को लिखना था
तो मां लिखा
जब निःस्वार्थ को लिखना था
तो मां लिखा
आशिर्वाद को लिखना था
तो मां लिखा
अभिमान को लिखना था
तो मां लिखा
अस्तित्व को लिखना था
तो मां लिखा
खुशिया को लिखना था
तो मां लिखा
साहस को लिखना था
तो मां लिखा
शूरता को लिखना था
तौर मां लिखा
वीरता को लिखना था
तो मां लिखा
योद्धा को लिखना था
तो मां लिखा
सपनो को लिखना था
तो मां लिखा
अपनो को लिखना था
तो मां लिखा
जीवन को लिखना था
तो मां लिखा
सच को लिखना था
तो मां लिखा
स्वर्ग को लिखना था
तो मां लिखा
संसार को लिखना था
तो मां लिखा
सब कुछ लिखना था
तो मां लिखा