दील दौलत दुनियाँ :~
दील दौलत दुनियाँ। तीनों दोस्त साथ साथ दोस्त बन निकले थे सैर करने बातों बातोमें तीनोमें लगी होड़ तु तु में में जा अटकीकौन जीता कौन हारा को
उनका फ़ैसला। आपके हाथ दील कहें में जीता
में ना होता इन्सान ज़िंदा लाश बन क़ब्ज़ाता
मुंडे पानेको दीवाने दौलत और दुनियाँ को है ठुकराते,
दौलत कहे मेरेबीन जींदगी बेजान बन क़ब्ज़ाती खालीजेब मुफलीश कहलाते
दील और दौलत तुम मेरी बंदोलत आबाद कहलाती हो याद रहे!
दुनिया की तो बोलती ही बंद हो गई भला वो क्या कहते जब दौलतेनें कहा दुनिया तुम है तो में मेरी जेबमें रखलुंगा .धरती ना सही में मेरा आशीयाॉ चाद सीतारो पे बसाऊँ गा। तुम देखते रह जाओगे
दोस्ती जो उनके पीछे चली आ रही थी
उसने ख़ामोश रहना गवारा समजा ,वो क्या कहती
जहाँ दौलत ही सर्वेसर्वा हो.वहाँ उनकी क्या हस्ती ?
उनकी जींदा मीशाल तुम सबके सामने है आख़री फ़ैसला आप ही करलो आप कीसको चुनना पसंद करोगे ? मुफलीशे आलम या राजपाट!!!