आओ हम सब ख़ूब पढ़े ।
अज्ञानता को दूर करे ।।
कल्पनाओं के द्वार खोले ।
साक्षरता में वृद्धि करे ।। १।।
संस्कृति को खूब संवारे ।
ज्ञान और विज्ञान को जाने ।।
पुस्तकों से नाता जोड़े ।
विनय और विवेक कभी ना भूले ।। २।।
वाचन है एक प्रेरक झील ।
उसमें लगाओ गोती ।।
स्वस्थ और आदर्श समाज के ।
है वे एक शिल्पी ।। ३।।
पुस्तकों का दान करे ।
और कहलाए विद्यादानी ।।
अज्ञानता को मिटाकर ।
बने लोकहित कल्याणी ।। ४।।
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