मैं थोड़ा सा आसमान लिख दूं
या थोड़ी सी जमीन लिख दूं,
थोड़ी सी जिंदगी लिख दूं
या थोड़ी सी गम लिख दूं,
या थोड़ी सी जज्बात उड़ेल दूं
थोड़ी सी फ़िक्र लिख दूं
एक लेखक कि कल्पनाओं का पैमाना ही क्या जो कलम के धार रोक ले....
लेखक के गुस्ताख़ कलम से✍️
#Anything