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Chirag Vora

Chirag Vora

@chiragvora055249
(156)

तुम को क्या मालुम कि हर्जाना क्या होगा
बिना नौकरी के घर जाना क्या होगा।

हम है बेरोज़गारी से सन्ने आशिक
हमें मालुम है इश्क जताना क्या होगा ।

और टीक नहीं पाएगी आखिर तक बात हमारी
बने बनाए महलों को आग लगाना क्या होगा ।

और फिर मंजर में बदल जाएंगी खुशियां एक दिन
तुम क्या जानो
पली पलाई मोहबत को गैर के नाम लगाना क्या होगा..!! 🩶💔

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मुट्ठी में से रेत सा
फिसल गया
कितना संभाला ,यार
वक्त सा निकल गया

कितना अच्छा होता है
एक-दूसरे के पास बैठ ख़ुद को टटोलना,
और अपने ही भीतर
दूसरे को पा लेना।

..

मेरे शब्दों में छुपकर मुस्कुराते हो तुम

दिखूँगी
सुनाई पड़ूँगी
कभी बस महसूस होऊँगी
पर मैं तुमसे बार-बार मिलूँगी

પલ્લવી...

प्रेम भी है
मंज़िल की तलाश भी!
थमो, पल में बहो, डूबो
ख़ुद को कसौटी पर न कसो

द से दिल द से दर्द द से दारू द से देव बाबू!❤️❤️

मैंने वो मोहब्बत की है तुमसे,
जो मैं चाहता था "कोई मुझ से करें"魚

जब तक आपसे शादी नहीं हो जाती

तब तक ये आपको खोने का डर ख़त्म नहीं होगा .!!

हमारा सब्र आज़माया जा रहा है
हमको इंतज़ार है..
तो हमसे ही इंतज़ार करवाया जा रहा है__