The Download Link has been successfully sent to your Mobile Number. Please Download the App.
Continue log in with
By clicking Log In, you agree to Matrubharti "Terms of Use" and "Privacy Policy"
Verification
Download App
Get a link to download app
धीरे-धीरे भुला ही देगा मुझे, वो इसी काम में तो माहिर है।
जिस्म की दरारों से रूह नजर आने लगी.. बहुत अंदर तक तोड़ गया है मुझे इश्क़ तेरा..!!
मशहूर शायर जौन एलिया के लिखे 20 बेहतरीन शेर 1.अपने सब यार काम कर रहे हैं और हम हैं कि नाम कर रहे हैं 2.अब तो हर बात याद रहती है ग़ालिबन मैं किसी को भूल गया 3.अब मेरी कोई ज़िंदगी ही नहीं अब भी तुम मेरी ज़िंदगी हो क्या 4.इलाज ये है कि मजबूर कर दिया जाऊँ वगरना यूँ तो किसी की नहीं सुनी मैंने 5.उस गली ने ये सुन के सब्र किया जाने वाले यहाँ के थे ही नहीं 6.एक ही तो हवस रही है हमें अपनी हालत तबाह की जाए 7.क्या तकल्लुफ़ करें ये कहने में जो भी ख़ुश है हम उस से जलते हैं 8.कैसे कहें कि तुझ को भी हम से है वास्ता कोई तू ने तो हम से आज तक कोई गिला नहीं किया 9.काम की बात मैंने की ही नहीं ये मेरा तौर-ए-ज़िंदगी ही नहीं 10.कितने ऐश से रहते होंगे कितने इतराते होंगे जाने कैसे लोग वो होंगे जो उस को भाते होंगे 11.कितनी दिलकश हो तुम कितना दिल-जू हूँ मैं क्या सितम है कि हम लोग मर जाएँगे 12.कौन से शौक़ किस हवस का नहीं दिल मेरी जान तेरे बस का नहीं 13.ख़र्च चलेगा अब मेरा किस के हिसाब में भला सब के लिए बहुत हूँ मैं अपने लिए ज़रा नहीं 14.जमा हम ने किया है ग़म दिल में इस का अब सूद खाए जाएँगे 15.ज़िंदगी एक फ़न है लम्हों को अपने अंदाज़ से गँवाने का 16.ज़िंदगी किस तरह बसर होगी दिल नहीं लग रहा मोहब्बत में 17.जो गुज़ारी न जा सकी हम से हम ने वो ज़िंदगी गुज़ारी है 18.'जौन' दुनिया की चाकरी कर के तूने दिल की वो नौकरी क्या की 19.नया इक रिश्ता पैदा क्यूँ करें हम बिछड़ना है तो झगड़ा क्यूँ करें हम 20.नहीं दुनिया को जब परवाह हमारी तो फिर दुनिया की परवाह क्यूँ करें हम
रिश्ते में किसी तीसरे का आ जाना, पुरुष की मृत्यु का संदेश होता है..💔🌸
चलते-चलते संग, जब एहसास हुआ तुम्हारा हाथ छूट रहा है तो जकड़ लेना चाहा था तुमको तब तुमने बड़े प्यार से विश्वास दिलाया — हाथ छूटने से साथ नहीं छूटता
जीवन में आगे बढ़ते क़दम अचानक जब जीवन से आगे बढ़ जाते हैं तब संग रह जाती हैं तस्वीरें संग बिताए हर पल को दोहराती हुई जीने की वजह बन जाती हुई तुम्हें तस्वीरों में देख कर समझा, तस्वीरें लेना भी उतना ही ज़रुरी है जितना किसी पौधे को मिट्टी में रोप देना
उसकी मुस्कुराहट में छिपा दर्द दिखा काश दर्द उधार लेने का हक़ बचा होता
मैं चुप रहता हूँ इतना बोल कर भी तू चुप रह कर भी कितना बोलता है.
यह जिस्म जब मिटता है तब सब-कुछ ख़त्म हो जाता है पर चेतना के धागे कायनाती कणों के होते हैं मैं उन कणों को चुनूंगी धागों को लपेटूंगी और तुम्हें मैं फिर मिलूँगी..... - अमृता प्रीतम
चले जाने से किसी के कुछ नहीं रुकता न वक़्त, न साँसें, न मौसम न मुस्कान रुकता है मन के बीचों-बीच मीठा-तीखा एहसास हर पल जो हो जाता है और तीता -
Copyright © 2025, Matrubharti Technologies Pvt. Ltd. All Rights Reserved.
Please enable javascript on your browser