मुस्कुराने की वजह तुम हो,,
मेरी जिंदगी की हर सुबह तुम हो।
कुछ शिकायत नहीं होती रब से,,
जब साथ तुम्हारे होती हूं ।
दूर जाकर तुमसे जिंदगी बेरंग हो जाती है।
मेरी हर दुआ में शामिल तुम हो ।
पलके झपकते ही दीदार तुम्हारा हो जाता है।
पलकें उठाने से अक्स तेरा खो जाता है।
ताउम्र बंद रखूं ये आंखें मेरी ओ जाना,,
मेरे जीने की बस एक वजह तुम हो ।
इतनी मुहब्बत के बाद भी तेरा यूं
मुझ पर एतबार ना करना ,,
दिल को बड़ा दुखाता है मगर क्या करे,,
सीने में जलने वाली "ज्वाला" का एहसास तुम हो ।
कई बार कोशिश की तुम्हे खुद से दूर करने की।
हर बार नाकामयाबी हाथ लगी है ।
मेरे सांसों में होने वाली हलचल का ,,
मेरे दिल की हर एक धड़कन का आभास तुम हो।
यूं तो लोग बहुत थे जिंदगी में मतलबी से।
बिन मतलब का एक रिश्ता भी है मेरे पास,,
हर किसी से नाता तोड दिया है मैने। मगर
मेरे जीवन के लिए जरूरी हर सांस तुम हो ।
क्या अब तुम समझे ? या नासमझ ही हो ,,
मेरे लिए खुद से भी खास तुम हो।
~कामिनी "ज्वाला" 🔥
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