शीर्षक : बिन साजन होली
मौसम हुआ सदा बहार
रिमझिम बरसे फागुन फुहार
आई होली बन रंगों का त्यौहार
मौसम...
पिया मिलन की बनी चाह तन की
सखी रे ये बात बताऊं तुम्हें मन की
गा रहे मेरी सांसों के सारे सरगमी तार
मौसम.....
होली की पुरवाई दिल की रंगिनी करे पुकार
चाहत की रातों में करवटें बदलू पिया बार बार
नैन पुकारे साजन होली में न कराओ इंतजार
मौसम...
सखियां दे उल्हाने पनघट पर छेड़े बार बार
पूछे गौरी से कब आएंगे तेरे साजन इस बार
बेदर्दी बालम कसम तुम्हें अगर न आये द्वार
मौसम....
मोहे होली आये न रास पिया जब तुम न हो पास
मोह की मतवारी आंखों को तेरी आहट की आस
रंग रसिया बालम इंतजार में सांसों की प्रेम प्यास
मौसम...
✍️ कमल भंसाली