प्यार करना गुनाह है,
हर ब्रेकअप इसका गवाह है।
दिल टूटकर 'दिल लगाने की' ये सज़ा है,
नादान लोग फ़िर भी कहते हैं कि इस दर्द में भी मज़ा है।
प्यार करना पाप है,
मत करना वरना बहुत पछताओगे।
अपनी मंज़िल चुनो और उसी पर ध्यान दो,
सच कह रही हूं, बहुत आगे जाओगे।
कभी पूछना किसी टूटे दिल से,
"क्या मिला उनके पास जाकर?"
जवाब मिलेगा, "कुछ नहीं यार,
नहीं था अपनी कैटेगरी का घर!"
कभी पूछना ये भी उससे,
"अगर मौक़ा मिले ये सब भुलाकर आगे बढ़ने का तो?"
जवाब मिलेगा, "सपने पूरे करने हैं इस बार,
अधूरे रह गए थें जो!
पता है कि आसान नहीं यूं,
सब भुलाकर आगे बढ़ना!
लेकिन नामुमकिन भी नहीं,
अगर हो मंज़िल को चाहना!
वक्त ने तोड़ा है,
तो जोड़ने की ज़िम्मेदारी भी वक्त की ही होगी।
बस सही रास्ते पर चलते रहना है अब,
फ़िर मंज़िल हमारी ही होगी।
प्यार के पीछे बहुत भाग लिया,
अब सपने के पीछे भी भाग लेते हैं।
सो लिया बड़ा बेफिक्र होकर,
एक बार ख़ुद के लिए जाग लेते हैं।
प्यार के पीछे पड़कर जैसे,
ख़ुद को ही भूल गए थे।
किताबें देखीं तो याद आया,
अनजाने में बेवकूफों के स्कूल चले गए थे।
मोड़ बहुत हैं, राहें बहुत हैं।
दिमाग़ लगाना पड़ेगा यहां!
भूल गए थे ये शर्त और,
दिमाग़ की भी फ़िर सुनी कहां?!
अब उसी जगह आ गए वापिस,
जहां सफ़र रोक दिया था।
ऐ दिल! अब पागल मत बनना,
पिछली बार तुझे छोड़ दिया था।
अब तो जैसे अंधे होकर,
फ़िर सफ़र जारी करना है।
प्यार के पंछियों पर ध्यान नहीं देना,
बस इंसान बने रहना है।"
- Srishty Bansal