अच्छा लगेगा मुझे..
मैं तो आई हूं कई बार बनाई हदों के पार अपने प्रेम के पुल से एकबार जो तूं भी मिलने की इच्छा जताए तो,
अच्छा लगेगा मुझे..
मैंने तो निभाएं है तेरे गड़े सब अनुबंधन प्रतिबंध तेरे प्रेम को पाने के लिए,
तूं कभी प्रेम की रीत निभाएं तो
अच्छा लगेगा मुझे..
मैं जो जताऊं और बताऊं वो तो खूब समझता है तूं,
कभी जो तूं मेरी खामोशी पढ़ पाए,
तोअच्छा लगेगा मुझे..
तेरी एक शिकन से गुजरता है मेरा पूरा दिन फ़िक्र में तेरी बातों में भी कभी जो मेरा जिक्र आए,
तो अच्छा लगेगा मुझे..
हर कोई कहेता है तेरे प्रेम की दीवानी हूं, कभी तूं भी मेरे प्रेम में दीवाना कहेलाए,
तो अच्छा लगेगा मुझे.. __Sangeeta Dungariya