किसी ने मुझसे पूछा कि मैं कुछ लिखना चाहता हूं कैसे लिखूं क्या लिखूं समझ नहीं आता! मैने हंसकर कहा " जब सोच में पड़ जाओ तो याद करो उन लम्हों को जब हर पल प्रतिपल मरता है कोई और मर जाती है इंसानियत ,तुम शोषण के विरुद्ध मानवता का स्वर लिखो , अधर्म के खिलाफ धर्म की विजय लिखो ! हां "कुछ ऐसा लिखो जिससे जग जाए इंसानियत.... !!
गायत्री शर्मा गुंजन