वो सयानी हुई नहीं थी पर
वो सयानी बनाई गई थी
वो खुद बच्ची थी पर
एक बच्चे को तैयार कर चुकी थी
इस दहशत भरी दुनिया की
वो शिकार हो चुकी थी
गला सूख कर एक दम बेजान
और आँखों मे पानी ही पानी
वो भूखी मासूम
एक मासूम के लिए
सबकी ठोकरे खा रही थी,
वो चलती फिरती बेज़ान
एक जान को गढ़ रही थी
ये इकलौती नहीं गढ़ी गई थी
यहा हर दूसरे घर में एक
सयानी लड़की तैयार हो रही थी ।
शीर्षक :सयानी लड़की
नाम :आयशा अंसारी