अब जाग गया टूट गया ख्याल
अब तेरा बहोत हो चूका इंतज़ार
हर कोसिस थी ये मेरी तुम साथ हो मेरे
फिर क्यू लड़खड़ाए ए पाव
क्यू छोड़ दिया साथ
अब तेरा बहोत हो चूका इंतजार
गवाके खुदको तुमको पाया था
बड़े भरोसे से यह रिस्ता बनाया था
मिला सबक तो जाना हर कोई पास नहीं
था ही नहीं वोह मेरा अब कोई बात नहीं
कितना लिखा तुमको हमने
अपनी यादो से इन कागजो पर
अब और नहीं देखेंगे तेरे ख्याल
अब तेरा बहोत हो चूका इंतजार
थक गया भरत अब ना किसीका एख्तियार है
चल पड़ा अकेला अब ना कोई साथ है
अब जी लेता हु खुदके लिए जी भर के
अब ना तेरा ख्याल है ना इंतज़ार है!
Bharat d vinzuda ✍️