रामायण भाग - 35
***************
नाग पाश से छुटकारा (दोहा - छंद)
****************************
नाग पाश की शक्ति का,कुछ तो होगा काट।
होती प्रभु के हाथ में, सबकी रेख ललाट ।।
इसका क्या उपचार हैं, पूछे वानर राज।
कौन बनाए अब कहो, बिगड़े अपने काज।।
महावीर ने तब कहा, सुनलो वानर राज।
गुरुड राज ही अब करे, पूरे सारे काज।।
गुरुड राज आए तभी, करने अपना काम।
प्रभु जी चेतन हो गए, जगे लखन सुखधाम।।
सारी सेना खुश हुई, करते जय जयकार।
राम लखन की जय सभी , बोलो बारंबार।।
Uma vaishnav
मौलिक और स्वरचित