जा रहे हो छोड़कर लौट कर कब आओगे।
तस्वीर ले जाओ मेरी देख कर मुस्कुराओगे।
यकीनन तुमसे मुहब्बत है मुझे बे इंतहां ।
दिल बदल कर देख लो तुम पछताओगे।
मंज़िलें बहुत हैं मगर कोई तुम सा क्यो नहीं।
नाम मिलेगा मेरा ही दीवार जब गिराओगे।
तुम खुश रहो सदा ये दुआ माँगी है रब से।
एक दिन रोते हुए हाल ए दिल सुनाओगे।
कहीं देर न हो जाये मुझे समझते समझते
खुदा से एक दिन मेरे लिए गिड़गिड़ाओगे।
ये वक़्त का तकाजा नही तो और क्या है "अर्जुन" ।
कयामत के दिन मेरा जनाज़ा अपने कंधे पर सजाओगे।
-arjun allahabadi