इश्क़ और बनारस की बात ही क्या है
लंका की चाट से लेकर अस्सी घाट तक
कुल्लहड़ की चाय से लेकर बनारसी पान तक
शिव से लेकर शक्ति तक
गंगा से लेकर भोलेनाथ की भक्ति तक
यहां की गलियों से लेकर घाटों तक
फिज़ाओं से लेकर वफाओं तक
मणिकर्णिका पर लेटी चिताओं से लेकर
फलक की घटाओ तक
सब में इश्क़ बसता है
यह काशी है जनाब यहां
फिज़ाओं की बात ही छोड़ो
हवाओ तक मे इश्क़ बहता है ...❤❤
-Priya