आज मेने उस इंसान को भी टूटते हुए देख जो कल तक सबसे मजबूत हुआ करता था ....।।

-Laj Khatri

Hindi Shayri by Laj Khatri : 111765957
shekhar kharadi Idriya 2 year ago

बहुत बढ़िया किंतु वक़्त और हालात के आगे सब मजबूर हैं क्योंकि मजबूत पाषाण भी लगातार प्रहार करने से टूट जाता है । फिर इंसान क्या चीज़ है ।

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