पूरी दुनिया खत्म हो जाये तो क्या बचेगा?
शांति.
कैसे?
कोई नहि होगा इसलिये.
सच?
तुम्हे यकीं नहि?
हाँ.
ओके.
क्या ओके?
कभी प्यास लगी?
कई बार.
भुख?
हाँ.
ईश्क हुआ?
हाँ. पर ये फीझुल पूछ रहे हो?
जवाब दो .
दिया.
ओके. तो सुनो.
जब प्यास लगी तब तुम्हारी दुनिया वही थी
जब प्यास बुझ गई तब शांति महसूस हुई?
हाँ.
भुख में भी कुछ ऐसा हुआ था?
हाँ.
ईश्क मे?
हाँ.
कोई किताब ढूँढ़ रहे हो? कई पर भी ना मिले फिर लेखक को भी मिल लो तो भी ना मिली हो ऐसा हुआ है?
हाँ. एक बार.
और वो किताब मिल जाये तो?
शांति मिलेगी.
बस दुनिया खत्म हो जायेगी तब शांति मिलेगी.
समझ गये?
तुम कवि हो?
नहि.
तो?
दुनिया......
- यश सोमैया ✍️
आवाझ