❤️ ग़ज़ल ❤️
❤️ लब से लगा लो जाम को❤️
🌹बनके हयात आएंगे, ठोकर न मारना
इस बावफा के प्यार पे, खंजर न मारना🌹
🌹बढ़ने लगी है तिश्नगी, दरिया को देखकर,
लब से लगा लो जाम को, दिलबर न मारना।🌹
🌹शाईस्तगी से हमने उसे, इतना तो कहा
बिखरे पड़े हैं पहले ही, हंसकर न मारना।🌹
🌹नादान को इस बात की, बिल्कुल नहीं खबर,
ख़ामोश कोई झील में , कंकर न मारना🌹
🌹ए संगदिल सनम तेरा, पत्थर का है जिगर
एहसास की गली में तो चक्कर न मारना🌹
🌹दिखला दिया है "प्रीत" ने दुनियां को आईना,
इस दर्द की सहेली को छूप कर न मारना।🌹
❤️डॉ प्रियंका सोनी "प्रीत"❤️