" मै बहुत ज्यादा कमीना हो सकता हूं, मै जालिम और निर्दय भी हो सकता हूं, पर मै किसी लड़की पर हाथ नहीं उठाता लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वो मेरे सब्र की परीक्षा ले, इंतेहा तो इंतज़ार की भी होती है, और मै तो एक क्रूर कसाई हूं, मुझे सब्र कहां, मेरे अंदर के शैतान को जगाओ मत, वरना मै खुद नहीं जानता कि मै क्या कर जाऊंगा, इसलिए चुप रहो, "
_पापलोज
नासाज़ 7
-Srishtichouhan