कभी भाई तो कभी दोस्त था तु मेरा
कठिन राहों में सहारा था तु मेरा...
आज लगे ऐसा, तुझे ना मुजसे वासता
एसा क्यूँ है समझने में नहीं आता...
मन में रोज ईक सवाल है आता
क्यूँ किया यूँ अपनो को पराया...
गुस्सा नहीं बस थोड़ा खफ़ा है यारा
इतना हक तो हक से बनता है मेरा...
-kittu