अब इससे बेहतर कोई और क्या लिखेगा,
इस पूरे गाने में हमें आज का भारत दिखेगा
Hats off Guljaar Sahab
अगर वाकई अपने आपको शब्दों का खिलाड़ी समझते हो तो गाना पूरा पढ़कर देखो
हाल-चाल ठीक-ठाक है
सब कुछ ठीक-ठाक है
बीए किया है, एमए किया
लगता है वो भी एँवे किया
काम नहीं है, वरना यहाँ
आपकी दुआ से सब ठीक-ठाक है
हाल-चाल ठीक-ठाक है...
आबो-हवा देश की बहुत साफ़ है
कायदा है, क़ानून है, इंसाफ़ है
अल्लाह-मियाँ जाने कोई जिए या मरे
आदमी को ख़ून-वून सब माफ़ है
और क्या कहूँ
छोटी-मोटी चोरी, रिश्वतखोरी
देती है अपना गुज़ारा यहाँ
आपकी दुआ से बाक़ी ठीक-ठाक है
हाल-चाल ठीक-ठाक है...
बाज़ारों के भाव मेरे ताऊ से बड़े
मकानों पे पगड़ी वाले ससुर खड़े
बुड्ढी भूख मरती नहीं, ज़िंदा है अभी
कोई इन बुज़ुर्गों से कैसे लड़े
और क्या कहूँ
रोज़ कोई मीटिंग, रोज़ कोई भाषण
भाषण पे राशन नहीं है यहाँ
आप की दुआ से बाकी ठीक-ठाक है
हाल-चाल ठीक-ठाक है...
गोल-मोल रोटी का पहिया चला
पीछे-पीछे चाँदी का रुपैया चला
रोटी को बेचारी को चील ले गई
चाँदी ले के मुँह, काला कौवा चला
और क्या कहूँ
मौत का तमाशा, चला है बेतहाशा
जीने की फ़ुरसत नहीं है यहाँ
आपकी दुआ से बाक़ी ठीक-ठाक है
हाल-चाल ठीक-ठाक है...