इश्क़ क्या चीज है, यारा बता क्या कहें
हसीं बला कहें या ख़ूबसूरत ख़ता कहें
अपनी - अपनी सभी की समझ है यार
कुछ लोग अच्छा तो कुछ इसे बुरा कहें
सुन के अन सुना करते हैं दिल की बात
अब उनको बेवफ़ा कहें या बावफ़ा कहें
झूमते है हम उनकी नज़र से मय पीकर
इन आंखों को अच्छा कहें कि बुरा कहें
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-सन्तोष दौनेरिया
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