हम ख़ुशफ़हमी में थे कि
रामराज्य लौट आया है
हम ख़ुशफ़हमी में थे कि
अब अत्याचारी के जलाए जाने का होगा उत्सव
हम ख़ुशफ़हमी में थे कि
सब परस्पर रहेंगे सौहार्द्र से
हम ख़ुशफ़हमी में थे कि गुंडे बदमाश
शासक के सुशासन से भयाक्रांत हो
भाग गए हैं सीमाओं के बाहर
हम ख़ुशफ़हमी में थे कि
अत्याचारियों को ढूंढ ढूंढ कर
मारी जा रही हैं गोलियां
हां हम ख़ुशफ़हमी में थे
सोए हुए अपने ही खोल में कि
हमारी नाक के नीचे से
हमारी ही बेटी को धर दबोचा
गली के कुत्तों ने
नोच -नोच कर बोटियाँ चबायीं
हम तो लेकिन ख़ुशफ़हमी में थे कि
तभी अंधेरी रात में
जला दिया उसे
हमारी नई व्यवस्था ने
ताकि बनी रहे हमारी ख़ुशफ़हमी
डॉ प्राची शर्मा