#भोळेभोले भाले चेहरों को देखकर अक्सर गलतफहमियां पैदा हो जाती हैं.......
हम सोचते हैं उनको अच्छा पर उनकी नियत कुछ और दिखाती है......
इसलिए भोले भाले चेहरे की असलियत नहीं खुल पाती है.....
उनके मन और दिल में क्या है? यह बात प्रश्न चिन्ह बन जाती है......
उसके दिल में क्या है? उसके लबों पर क्या है,? यह बात समझ नहीं आती है.....
धोखे इतने दिए हैं इन भोले से चेहरों ने, यहां विश्वास की नैया से डूबती नजर आती है......
भोले भाले चेहरे पर अचानक यकीन करने की गुंजाइश खत्म हो जाती है......
हम चाहते हैं कुछ और और उनकी चाहत कुछ और दिखाती है......
हम समझते हैं भोले चेहरे को अपना हमदर्द और हमराही पर जब हकीकत का पता लगता है तो पैरों तले की जमीन खिसक जाती है...... तब जाकर उन भोले भाले चेहरों की
सच्चाई नजर आती है...... ब्रह्मदत्त त्यागी हापुड़