तुम बारिश में बारिश की तरह मिलते
आद्र घने धवल मेघों के बीच
जैसे चटक जाये कोई बिजली
उस चटकते क्षण में मिलते मुझे ,
बरसते पानी के स्वाद में मिलते
मिट्टी की गंध में होती शामिल तुम्हारी गंध
तुम पानी मे पानी की तरह मिलते
किसी घुलनशील पदार्थ की तरह ........
@सीमा सिंह