मैं फ़क़त रात भर ना सोयी उन पंक्तियों के खो जाने पर
जिसमें तुम्हारे होने की मैंने कल्पनायें की थी
तुम सोचो, मैं कितना रोयी होंगी
तुम्हें हक़ीक़त में खो जाने पर...।।

Trisha R S... ✍️

lamho_ki_guzarishey

Hindi Poem by Trisha R S : 111524936

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