आँखें अबतक ये पुर नम है
गम तेरा हम मे बाहम है
तेरे हाथो का छूना भी
घावों पे जेसे मरहम है
ये देखो जाने पर तेरे
छाया घर मै अब मातम है
बस अब लब छूने वाले है
सासों का चलना मद्धम है
है हाथों मे छेलें मेरे
गालों पर उसके रेशम है
कैसे होने देता ज़ाया!
आँसू सब उसके शबनम है