याद तो याद है, खूब आती होगी
अब हरलम्हा, तुम्हे सताती होगी,
मुमकीन नही, मैं ही जागूँ रात भर
नींद अब तुमको भी ना आती होगी,
कुछ अश्क़, मेरी आँखों मे ठहरे रहे
कुछ अश्क़ तेरी आँखे बहाती होगी,
बचा कर रखी थी जो तस्वीरें तुमने
अब तन्हा ही उनको गले लगाती होँगी,
इक़बाल अमरोही