बातें बेहिसाब बताना...
कुछ कहते कहते चुप हो जाना...
उसे बताना, उसे जताना...
वो कहता है उसे पसंद है...
तुम्हारे होटों के पास जो तिल काला है..
बताया था उसने उसे पसंद है।....
ये निगाहें खुला मैखाना है...
वो कहता है दरबान बिठा लो...
हल्का सा बस हल्का सा वो कहता है तुम काजल लगा लो..
वैसे ये मेरा शौक नहीं पर हां उसे पसंद है।....
वो मिलता है तो हस देती हूं...
चलते चलते हाथ थामकर...
उससे बेपरवाह सब कहती हूं...
और जब वो गुज़रे इन गलियों से..
मेरा ्छत से खिड़की के देखना...
हां उसे पसंद है।...
:—Manya Sharma🐥