#Kavyotsav2
मधुमास
तुम आ जाओ प्रिय
जीवन मधुमास हो
तुम आस
तुम विश्वास
तुम जीवन की उल्लास हो
तुम केतकी मन की
तुम ही अमलतास हो
तुम आ जाओ प्रिय
जीवन मधुमास हो
ये प्रेम अगन
ये मन की चुभन
तुम बिन जैसे
बहारें भी पतझड़
तुम बिन संगीत भी
जैसे उदास हो
तुम आ जाओ प्रिय
जीवन मधुमास हो
हवाएं जो चीरें हैं
अंतस्तल में लकीर
अंगडाईयां ये अब
हुए हैं व्याकुल
करूँ जतन पर
चुभे हैं शूल
लगे मेरे मन को
तितलियाँ करती परिहास हो
तुम आ जाओ प्रिय
जीवन मधुमस हो
बस
तुम आ जाओ प्रिय
जीवन मधुमास हो..
कीर्ति प्रकाश