#भाग्य
कर भरोसा खुद पर,
हाथों को अपने शस्त्र बना।
जीवन धारा के असीम पथ पर,
पद चिह्न मेहनत के छोड़ता जा।
जाग उठेंगी चहुँ दिशाएँ,
तू मनोबल से आगे बढ़ता जा।
मुश्किलें होगीं पथ में हज़ार,
भाग्य का न तू, बिगुल बजा।
धैर्य होगा तेरा आभूषण,
भाग्य को सुंदर बनाता जा।
मत सोच के आगे क्या होगा,
जो है तू उसको गढ़ता जा।
होगा समक्ष भाग्य विशाल,
करनी से जो तू रचता था।