#बनावट
बेहती हवा की तरह वो बेह गई।।
दिल पर उसकी कुछ #बनावट रेह गई।
बिखरी जुल्फों को सुलजाती गई।।
देख ये नज़ारे.. मेरी धड़कने उल्ज़ाती गई।
दिल की दीवारें रंगीन हो गई।।
घड़ी भर जिंदगी होली हो गई।
तिरछी नज़र से दिल पर छेद कर गई।।
खुद आज़ाद होकर जिंदगी केद कर गई।
अब तो आंखों की रोशनी चली गई।।
यादो में तारो सी तू टिमटिमाती रह गई।
K.P