दिल को गैरों ने तोड़े होते तो मैं बता देता
ये दर्द औरों ने दिये होते तो मैं दिखा देता।
है कौन तेरे सिवा मुझको कुछ भी कह दे
होती है आवारगी क्या चीज मैं बता देता।
नजर से चूमना होता सुमार सजदे में तेरा
चाँद की जगह तुझे आसमाँ में बिठा देता।
तुम्हारे इश्क का थोड़ा सा गर भरम होता
इश्क में हद से गुजरकर भी मैं दिखा देता।
तुम्हारी मर्जी जितना भी खेल लो दिल से
तेरी जगह हो कोई दूसरा तो मैं दिखा देता।
क्या खूब मेरी वफ़ाओं का सिला तूने दिया
खता जरा सी मेरी होती तो सर झुका देता।
यही क्या कम है दूर से ही मुस्कुराते तो हो
पास आते तो दिल का दाग भी दिखा देता।
मेरी चाहत है इबादत प्यार बन्दगी है तेरी
तू मेरे दिल मे उतर जाती तो मैं बसा देता ।
मुमकिन है कि मेरे ख्वाब भी महक जाये
अपनी आँखों मे मेरी जान तुझे छिपा देता।