. " इश्क बेचैन ख्यालों को .. हवा देता है ....
इश्क होता है जिसे .. खुद को.. मिटा देता है ;
इश्क आगाज़ है.. आवाज़ है.. उस दुनिया की...
जिसका दीदार ही ... दीवाना.. बना देता देता है ;
इश्क महबूब का रूतबा है .. क़दरदारी है...
स्याह चेहरे को भी .. ये चाँद.. बना देता है..."