ईस शायरे नामुराद से वफा करेगा कौन
भरी महफिल में जान कहके खफा करेगा कौन
ताले ना लगा दे तो तेरी चाह में तो मेरे घर की
हिफाजत करेगा कौन
जान हम हि चल बसे इस जहाँ से तो
तुझसे वफा करेगा कौन
वो कहता है मुझे रोक टोक पंसन्द नही पर हक
ना जताऊ तो ये हक भी जतायेगा कौन
जान वफा चल कर भी ले मोहोब्बत इबादत
करेगा कौन :'-( --एक भावना मेरी भी