बचपन के दिन भी क्या दिन थे
ख़ुशी ही ख़ुशी थी गम कहीं न थे
दौड़ कर माँ के आँचल में छुप जाना
माँ का प्यार और लाड़ से पुचकारना
सारी खुशियां मिलती थीं माँ की छाँव में
आज भी जन्नत अगर है तो माँ के पाँव में
#आनंद
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from USA