चल फिर कोई नई मार्च निकालें
हो रहे अत्याचारों के खिलाफ़
चल रही सरकार के खिलाफ़
कब हमें सरकार के मापदंड सही समझ आएं हैं
कभी कम कभी ज़्यादा
गलत ही नज़र आये हैं
चल कोई मार्च निकालें
कुछ सड़कें रोकें
कुछ बसें जलाएं
इस देश को हिलाएं
सरकार को जगाएं
बस अपना ज़मीर मार दें
फिर एक नया शहर जलाएं ।
- रिम्मी©