नज़र दोनों की उलझी थी,
बता किसकी ख़ता थी वो..!
हुये बदनाम हम दोनों.,ख़ता किस की बता थी वो..!!
शुरू जो 'सिलसिला' हमनें,
किया था अपनी चाहत का,
नहीं परवान चढ़ पाया,मिली किसको सजा थी वो..!!
चली आँधी नहीं कोई,
नहीं कोई जलजला आया,
जुदा कर दिल दिये जिसने,चली कैसी हवा थी वो..!!
मोहब्बत आज भी दिल में,
छुपा हम दोनों रखें हैं,
जता पाये नहीं जिस को.,भला कैसी वफा थी वो..!!
गले लग भी नहीं पाये,
न अपना कह सके तुमको,
मगर फिर भी हो तुम मेरे.,तेरी कैसी अदा थी वो..!!
। ।। एक तमन्ना ।।