तुम नहीं भी हो फिर भी तुम मेरी धरा बन चुकी हो, तुम मेरा वह आवश्यक आधार हो जिसके आधार से मेरे जीवन को एक दिशा और गति मिली है, आधार जो मुझे प्रेरित करता है, प्रेरणा जिससे मैं बचा पाता हूँ अपने जीवन की निरन्तरता..जब तुम्हारा नहीं होना इतना महत्वपूर्ण है मेरे जीवन में...तो तुम्हारा होना कितना महत्वपूर्ण रहा होगा..