ख्वाहिश है तू मेरी...
तुझको पाने खुद को खो जाउ,
तुजसे मिलने खुद से बिछड़ जाऊ,
तुजको हसाने खुद रो जाऊ,
तुझको सुलाने खुद जग जाउ,
तुझको सुनाने बेसुरा हु फिर भी गाउ,
तुझको मनाने खुद से रूठ जाऊ,
तुजसे बिछड़ के में रह न पाऊ,
क्यो की ख्वाहिश है तू मेरी,
तेरे लिए में लड़ जाऊ इस दुनिया से,
तुझको मिलने मुसाफिर बन जाऊ दरिया में,
तेरि वफ़ा या बेवफाई से परे हो के
तेरे एहसास से ज्यादा मोहब्बत करिया में,
मेरी सारी हसी का बस तू एक ही ज़रिया है,
तुजसे जुड़ी मेरी हर एक खुशिया है,
तेरे साथ रहने के हर रोज़ सपने संजोया में
हां, ख्वाहिश है तू मेरी
तुजसे जुड़ी है मेरी हर बंदगी,
तेरे बिना लगेगी अधूरी ये ज़िन्दगी,
तेरे लिए छोड़ दी मेने आवारगी,
तेरे लिए अपना लि मेने सादगी,
डर है जिस दिन खफा तू हो जाएगी,
उस दिन मेरी ज़िंदगी मुझसे बिछड़ जाएगी,
पर यकीन है तू मुझको हमेसा अपना पाएगी
हां, ख्वाहिश है तू मेरी...