दुश्प्रेरणा
प्रेरणा ऐप्प के विरोध में
नहीं हैं हम श्रीमान,,
पर धीरे-धीरे खो रहा,
शिक्षक का सम्मान।
ऐप्प नहीं ये शुरुआत है,
शिक्षा के निजीकरण की,,
छवि शिक्षक की हो जाए,
चोर व अकर्मण्य की।
इंशा नहीं ये समझ रहे हैं,
रोबोटिक मशीन हमें,,
ना कोई दिक्कत, लेट ना हो,
ना कभी जल्दी जाना पड़े।
तीन दिन जो लेट हुए,
नौकरी समझो चली गयी,,
पैंशन नही पैसे से खाली,
आगे कुछ भी बचा नही।
सुविधाएँ विद्यालयों को देकर,
मूल परिवर्तन ज़रा दिखलाओ,,
कुछ अधिकार हमारे भी दो,
कर्तव्यशीलता तब समझाओ।
ई-एल, पैंसन, मुफ्त चिकित्सा,
भ्रष्टाचार मुक्त विभाग चले,,
ड्रेस मिड ड़े व कोई वितरण,
गैर कार्य ना हमको मिलें।
सेल्फ़ी ले लो साहब हमारी,
पर क्यों सबकी जिम्मेदारी लें,,
बच्चे, SMC, समूह, प्रधान,
अभिभावक भी जबावदेह बने।
हानी जब-जब होती है,
शिक्षक के सम्मान की,,
राष्ट्र-समाज का पतन है होता,
साक्षि है इतिहास भी।।
राजीव कुमार गुर्जर(प्र0अ0)
प्रा0 वि0 बहादुरपुर राजपूत
वि0 खंड कुंदरकी (मुरादाबाद)