अप्रशस्तानि कार्याणि यो मोहादनुतिष्ठति। स तेषां विपरिभ्रंशाद् भ्रंश्यते जीवितादपि॥
भावार्थ :
जो मोह -माया में पड़कर अन्याय का साथ देता है, वह अपने जीवन को नरक-तुल्य बना लेता है।
–विदुर नीति से
???????मंगलमय सुप्रभात नमस्ते???????
?? योगीराज भगवान श्रीकृष्ण की जन्माष्टमी पर हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई????