मन के बाग़ीचे से जब ख्याल तोड़ो
पहले उसे पानी में ज़रा खँगाल लो
फिर सूखी पत्तियाँ अलग कर के
ताज़ा पत्तियाँ फिर से निथार लो
फिर भाषा का नमक लगाके थोड़ा
मद्धम आँच पर चढ़ा कर छोड़ दो
धीरे-धीरे पकने दो कि ख़ुश्बू आए
लफ़्ज़ों की मोहब्बत रंग तो लाए
फिर कोरे काग़ज़ पर परोस लाना
दो घूँट चाय पर ख़्याली चर्चा होगी
©️रचना
#kvyotsav -2