अंधेरा
अंधेरा यह नही कहता के तू सो जा,
निंद बूलावा दे ती है स्वप्न मे तु खो जा,
शुकर गुजार कर तु सुरज को तु डूब जा,
रात शहेनशाह है थक के तु फीर फीर सो जा,
वक्त खुद खुद भागा चला जाएगा तु रुक जा,
चमन यह गुलीस्ता लहराएगा तु ठहर जा,
रात चल पडी है हौसलो की उडान ले के,
'विज' निंद पूकार रही है तुम सो जा,,
#विजु__