⚽️संभल के⚽️
दिलों के खेल भी, खू़ब होते है
कोई फारमूला फ़िट नहीं बैठता
हम जिन्हें चाहते है , टूट-कर
अक्सर वही हमारा नहीं होता
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इस बेमुरौवत दुनियां में
अाज हरगिज़ सहारा न ढूंढिये
आबोहवा कुछ इस कदर बिगड़ी
सहारा दे,वो फ़सल अब नहीं होती
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जिंदगी किसी दौर से गुज़रे
अन्तत: उबर ही जाती है
बेवफ़ाई का एक दौर ऐसा भी है
जहां कश्ती डूब जाती है
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