महाशक्ति – एपिसोड 24
"नियति का संकेत"
रात्रि का अंधकार धीरे-धीरे समाप्त हो रहा था। पूर्व दिशा में सूरज की पहली किरणें पर्वत शिखरों को छू रही थीं, लेकिन अर्जुन के मन में अभी भी बीती रात की घटनाएँ गूंज रही थीं। शिवजी की भविष्यवाणी अब केवल शब्द नहीं रही, बल्कि वास्तविकता बनकर सामने खड़ी थी।
"संकेत स्पष्ट हैं, अर्जुन," शिवजी के शब्द उसके मन में बार-बार गूंज रहे थे। "महान प्रेम की परीक्षा भी महान होती है।"
अर्जुन ने अनाया की ओर देखा, जो अब भी हल्की बेहोशी में थी। उसके शरीर पर जख्मों के निशान थे, लेकिन चेहरा अब भी उसी तरह शांत और कोमल था। अर्जुन की आँखों में चिंता थी, लेकिन साथ ही एक दृढ़ संकल्प भी।
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अर्जुन का संघर्ष
अर्जुन ने महसूस किया कि अनाया को बचाने के लिए उसे अब सिर्फ एक योद्धा बनकर नहीं, बल्कि एक सच्चे प्रेमी के रूप में खड़ा होना होगा। वह उसे लेकर ऋषि वशिष्ठ के आश्रम पहुँचा, जहाँ दिव्य औषधियों से उसका उपचार किया गया।
ऋषि वशिष्ठ ने अर्जुन को देखकर एक गहरी साँस ली, "तुम्हारे मन में अब भी संशय है, पुत्र। नियति की चाल को समझो। अनाया केवल तुम्हारे जीवन का हिस्सा नहीं है, बल्कि तुम्हारे भविष्य का भी केंद्र है।"
अर्जुन ने सिर झुका लिया। वह जानता था कि उसकी परीक्षा अभी खत्म नहीं हुई थी।
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अनाया की चेतना और शिव का संदेश
तीन दिन बाद, जब अनाया को चेतना आई, तो उसकी आँखों में कुछ अजीब-सा भाव था।
"अर्जुन… मैं कुछ अजीब महसूस कर रही हूँ।"
"क्या हुआ अनाया?" अर्जुन ने उसके हाथ को थामते हुए पूछा।
"मुझे ऐसा लग रहा है जैसे कोई शक्ति मुझसे कुछ कहना चाहती है… जैसे कोई संकेत दे रही है।"
तभी अचानक, वातावरण में शिवजी की गूंज सुनाई दी।
"महाशक्ति का जागरण निकट है, लेकिन इसके लिए प्रेम का पूर्ण समर्पण आवश्यक होगा। भय को त्याग दो, अर्जुन। यह केवल शुरुआत है।"
अर्जुन और अनाया एक-दूसरे की आँखों में देखने लगे। वे जानते थे कि आगे का मार्ग आसान नहीं होगा, लेकिन अब उनके पास कोई और विकल्प नहीं था।
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एक और संकट – महाकाल की भविष्यवाणी
जब अर्जुन और अनाया शिवजी के संदेश को समझने का प्रयास कर रहे थे, तभी ऋषि वशिष्ठ ने उन्हें एक और महत्वपूर्ण बात बताई।
"शिवजी ने संकेत दिया है कि शीघ्र ही एक राक्षसी शक्ति तुम्हारे प्रेम की परीक्षा लेगी। यह परीक्षा केवल युद्ध से नहीं, बल्कि आत्मबल और विश्वास से जीती जाएगी।"
अर्जुन चौक गया, "कौन है वह शक्ति, ऋषिवर?"
"महाकाल की भविष्यवाणी के अनुसार, यह शक्ति तुम्हारे अतीत से जुड़ी हुई है। जो हुआ, वह पुनः दोहराया जाएगा, लेकिन इस बार परिणाम अलग होंगे।"
अनाया के मन में भय का संचार हुआ, लेकिन अर्जुन ने उसका हाथ थाम लिया, "हम किसी भी परीक्षा के लिए तैयार हैं।"
ऋषि वशिष्ठ मुस्कुराए, "तो तुम्हें काशी जाना होगा। वहाँ तुम्हें अपने उत्तर मिलेंगे।"
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काशी की यात्रा और नए रहस्य
अर्जुन और अनाया ने ऋषि वशिष्ठ की आज्ञा मानी और काशी की यात्रा शुरू की। रास्ते में अनेक बाधाएँ आईं—अज्ञात योद्धाओं का हमला, भीषण तूफान, और रहस्यमयी घटनाएँ।
लेकिन जैसे-जैसे वे काशी के निकट पहुँचे, अर्जुन के मन में बेचैनी बढ़ती गई।
"यह स्थान कुछ अलग सा प्रतीत हो रहा है, अनाया।"
"हाँ अर्जुन, मुझे भी ऐसा ही लग रहा है। जैसे यहाँ कोई शक्ति हमें बुला रही हो।"
काशी के महादेव मंदिर में प्रवेश करते ही एक साधु ने उन्हें रोक लिया।
"अर्जुन और अनाया, तुम्हारा स्वागत है। तुम्हारी परीक्षा का समय आ गया है।"
अर्जुन और अनाया ने एक-दूसरे की ओर देखा। अब उनके प्रेम की असली परीक्षा शुरू होने वाली थी।
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(जारी रहेगा…)
अब आगे क्या?
काशी में अर्जुन और अनाया को कौनसी नई चुनौती मिलेगी?
क्या राक्षसी शक्ति सच में उनके अतीत से जुड़ी है?
शिवजी की भविष्यवाणी का अगला संकेत क्या होगा?
अगला एपिसोड और भी रोमांचक होगा!