BTH (Behind The Hill) - 5 in Hindi Thriller by Aisha Diwan books and stories PDF | BTH (Behind The Hill) - 5

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BTH (Behind The Hill) - 5

लोगों के चिल्लाने की आवाज़ से रेन अपने बिस्तर से हड़बड़ा कर उठा। एक दफा उसे लगा जैसे वह सपना देख रहा था जहां वह एक इमारत के मलबे के नीचे बे बस पड़ा है और बाहर से बचाव कर्मियों की आवाज़ आ रही है के " कोई अंदर है? अगर है तो हमें आवाज़ लगाए" और वह खुश हो कर उनको आवाज़ देने की कोशिश करता है लेकिन ज़ख्मों के दर्द के मारे आवाज़ हलक में हो अटक अटल जाती है। 
बिस्तर पर बैठे उसने बड़ी बड़ी सांसे लेते हुए खिड़की की ओर देखा और फिर से आवाज़ आने के इंतज़ार में वह बिस्तर से उतर कर खिड़की के पर्दे को धीरे से खसका कर देखा। उसने देखा के कुछ पुलिस अधिकारी हैं और उनके साथ कमांडो ऑफिसर्स भी हैं। बेला उनके सामने खड़ी है और मोगरा उसके बगल में दुम तान कर खड़ा है। वे कुछ बातें कर रहे हैं पर इतनी दूर से उनकी कोई बात सुनाई नहीं दे रही थी। रेन ने होंठों को पढ़ने की कोशिश की तो मालूम हुआ के वह लोग बेला को धमकी भरे अंदाज़ में कह रहे हैं " हमे इस घर की तलाशी लेने के लिए तुम्हारी इजाज़त की ज़रूरत नहीं है।"

यक़ीनन वह लोग बेला के घर की तलाशी लेना चाहते थे और बेला हर मुमकिन उन्हें रोकने की कोशिश कर रही थी। 
वे लोग बेला को धक्का देते हुए अंदर आने लगे। धड़ाधड़ बंदूकें निकाल कर सब अंदर चले गए, बेला गुस्से की फुफकार भरती हुई उनके पीछे पीछे गई। मोगरा उन सिपाहियों पर भौंक रहा था। 
उनके चीफ़ से बेला ने जा कर कहा :" मैं एक मामूली वेबटून आर्टिस्ट हूं! मैं कोई जासूस नहीं हूं फिर इतना तमाशा क्यों?

चीफ़ ने आवाज़ ऊंची कर के कहा :" सफाई देना बंद करो! सब साफ हो जाएगा के तुम कौन हो!"

" चप्पा चप्पा छान मरो यहां की, मिस बेला का कंप्यूटर लैपटॉप जो भी है सब ज़प्त करो।"

चीफ़ ने चिल्ला कर सिपाहियों को हिदायत दी और खुद भी इधर उधर ताक झांक करने लगे। 

बेला घबरा रही थी और उसका ध्यान रेन पर भी जा रहा था जो अब तक कहीं नज़र नहीं आया। 
सिपाही घर की सभी कोने कोने में छान मार रहे थे और सभी तरतीब से रखे हुए सामानों को कूड़े की तरफ यहां वहां फेंक रहे थे जैसे घर साफ कर रहे हों। एक कमरा बेला का स्टूडियो बना हुआ था जहां वह अपने वेबटून सिरीज़ लिखती और उन्हें कंप्यूटर में टून बनाती थी। उन सभी चीज़ों को भी ज़प्त कर लिया गया। बेला बड़ी बड़ी सांसे लेती हुआ बे बस खड़ी थी और उसके मन में यह भी ख्याल आ रहा था के न जाने शिजिन बहराम हवा की तरह कहां गायब हो गया? क्या वह खिड़की से भागा? लेकिन उसकी हालत इतनी ऊंचाई से कूदने की नहीं थी। 

कुछ चीज़ों को बेला के घर से उठा लिया गया और फिर चीफ़ ऑफिसर उसके सामने आ कर खड़े हुए, उन्होंने सिपाहियों से आवाज़ लगा कर कहा :" इसे हथकड़ी पहनाओं और ले चलो!"

बेला चिल्लाई :" बिना किसी सबूत के आप मुझे नहीं ले जा सकते! आखिर मेरा जुर्म क्या है?

चीफ़ ने कड़क आवाज़ में कहा :" आवाज़ नीची करो मिस बेला! हम तुम्हारे फैंस नहीं हैं जो तुम्हारी कलाकारी और कहानियों की वजह से तुम्हारा ऑटोग्राफ लेने आएंगे! तुम्हारा जुर्म हमारी सोच से भी बड़ा है। तुम वह नागिन हो जिसने इस बिल के चूहे खा कर बिल को अपना बना लिया है। अब चुप चाप हमारे साथ चलो और हमारे सवालों का सही सही जवाब दे दो तो तुम्हारी सज़ा में कुछ रहम किया जाएगा वरना सिर्फ एक गोली काफी है तुम्हें ढेर करने के लिए!"

उसे खरी खोटी सुना कर हाथ में हथकड़ी पहनाया और खींचते हुए ले गए, मोगरा बहुत ज़्यादा भौंकने लगा और चीफ़ की ओर लपका लेकिन जब चीफ ने मोगरा को मारने के लिए बंदूक तान दिया तो बेला ने झट से बंदूक ऊपर उठा दिया और हवा में गोली चल गई। बेला ने इल्तेज़ा कर के कहा :" इसे मत मारो मैं साथ जा रही हूं और सभी सवालों का जवाब दूंगी!"
फिर उसने मोगरा को प्यार से सहलाते हुए कहा :" कोई गलती मत करना! तुम यहीं रहो और मेरा इंतेज़ार करना!"

उसे समझा कर बेला उनके साथ चल पड़ी। सभी सिपाही शोर करते हुए अपने अपने गाड़ियों में सवार हो गए और गर्द उड़ाते हुए सनोबर के जंगल से बाहर चले गए। 

शिजिन बहराम उर्फ रेन एक ख़ुफ़िया दरवाज़े के पीछे खड़ा था। वह खुफिया दरवाज़ा इस किले के तह खाने में ले जाता है जो एक बुक्शेल्फ के पीछे था जिसको खोलने के लिए उसने बस वहां दीवार पर लगे लैंप को घुमाया था। जब उसने मिलिट्री ऑफिसर्स को देखा तो हड़बड़ा कर छुपने के लिए जगह तलाश करने लगा था। इसी तलाश में उसे वह लैंप दिखा, उस को देखते ही वह समझ गया के इसे घुमाया जा सकता है। क्यों के वह एक माहिर जासूस था जिसने हर मुश्किल मरहले को पार किया था। जब उसने गौर से आवाज़ों को सुनने की कोशिश की तो पता चला के अब बिल्कुल पहले जैसा सन्नाटा है तो उसने तह खाने में जाने का सोचा। एक कशिश उसे खींच रही थी। उसका दिल न चाहते हुए भी उस तरफ खींचा जा रहा था और कदम नीचे की ओर बढ़ने लगे थे। वह वो जासूस था जिसे खुफिया चीज़ें की महक आती थी और जहां सच्चाई का भंडार छुपा हो वहां तो शिजिन के कदम भी अपने आप चले जाएंगे। 

To be continued......